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1 घंटे में शिकायत तो साइबर ठगी से बचेगा पैसा

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। साइबर अपराधियों द्वारा किसी के बैंक खाते से की गई धोखाधड़ी के मामले में यदि गोल्डन आवर यानी पहले एक घंटे के भीतर भारतीय साइबर अपराध केंद्र (आईफोरसी) तक शिकायत पहुंचती है तो ऐसे मामलों में धोखाधड़ी से उड़ाई गई राशि को साइबर अपराधियों के खाते से निकलने से रोका जा सकता है। ऐसे मामलों में 921 करोड़ रुपये की राशि को साइबर अपराधियों की जेब तक पहुंचने से रोका गया है। गृह मंत्रालय के आईफोरसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि 2023 में 921.59 करोड़ को बैंक खातों में रोका गया जिसके चलते अपराधी उसे निकाल नहीं सके। उन्होंने कहा कि यह कुल साइबर अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी ‘का 12.32 फीसदी है। लेकिन पिछले तीन साल के आंकड़े देखे तो धोखाधड़ी के पैसे को ब्लाक करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2022 में 7.32 फीसदी यानी 169.04 करोड़ तथा 2021 में 6.73 फीसदी यानी 36.38 करोड़ को बैंक खातों में ब्लाक किया गया था। इस केंद्र का गठन कुछ ही समय पहले किया गया है। बैंकों में ब्लाक करके रोके गए धन को वापस पीड़ितों को पहुंचाने के लिए गुजरात एवं कर्नाटक मॉडल को अपनाने के लिए बैंकों से बात चल रही है। गुजरात और कर्नाटक में अदालत के जरिए पैसा वापस दिया जा रहा है। बैंकों से इस बारे में बातचीत चल रही है तथा कोर्ट के जरिए सरल प्रक्रिया से लोगों को इसे लौटाया जाएगा।

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