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…तो क्या इसलिए Cm केजरीवाल ने किया विश्वासमत हासिल करने का काम?

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केजरीवाल सरकार ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने का कार्यक्रम बनाया था। तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान जमकर हमला बोला और सरकार को गरीब विरोधी बताया। माना जा रहा था कि इसके बाद मतदान कर विश्वास मत प्राप्त करने की औपचारिकता पूरी कर दी जाएगी, लेकिन अचानक ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शाम लगभग पांच बजे यह ट्वीट कर पूरा मामला पलट दिया कि मंगलवार को सीबीआई उनके बैंक लॉकरों की जांच करने आ रही है और वे इसका स्वागत करेंगे।

अब विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सीबीआई की कार्रवाई के दौरान जनता और मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए विश्वास मत हासिल करने का ‘नाटक’ रचा था। सरकार पर किसी भी विपक्षी दल ने अविश्वास जाहिर नहीं किया था, लिहाजा उस पर विश्वासमत हासिल करने का कोई दबाव नहीं था। लेकिन यह पूरा कार्यक्रम केवल मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए रचा गया था। यह उस सवाल का जवाब भी माना जा रहा है, जिसमें यह पूछा जा रहा था कि जब अरविंद केजरीवाल सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल है और विपक्ष इस पर उनसे कोई सवाल भी नहीं कर रहा है तो वे विश्वास मत हासिल कर क्या साबित करना चाहते हैं?

आम आदमी पार्टी विधायकों ने उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाकर पूरा मामला पलट दिया है। आप विधायकों का कहना है कि उपराज्यपाल ने खादी ग्रामोद्योग के सर्वोच्च अधिकारी रहते हुए नोटबंदी के दौरान नोटों को बदलने का काम किया था और इसके जरिए भ्रष्टाचार किया था। पार्टी ने इस मामले की जांच उपयुक्त एजेंसी के उपयुक्त अधिकारियों से कराए जाने की मांग की है। इस मामले को तूल देने के लिए आम आदमी पार्टी विधायकों ने रात भर विधानसभा में धरना देने का कार्यक्रम भी बनाया है।

‘जनता का बड़ा नुकसान’

राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडेय ने अमर उजाला से कहा कि किसी भी राजनीतिक दल पर भ्रष्टाचार का आरोप बेहद गंभीर मामला होता है और इस तरह के आरोप बेहद जिम्मेदारी और तथ्यों की रोशनी में ही लगाए जाने चाहिए। लेकिन देश के राजनीतिक इतिहास में अनेक बार सत्ता पक्ष या विपक्ष के द्वारा एक दूसरे पर ऐसे आरोप लगाए गए, जिनकी जांच में कोई आरोप साबित नहीं हुआ और आरोपी बेदाग साबित हुए। राजीव गांधी पर लगा बोफोर्स घोटाले का आरोप हो या यूपीए सरकार के दौरान टूजी और खनन घोटाला। इन सबमें आरोपी बेदाग साबित हुए, जबकि आरोप लगाने के बाद सत्तारूढ़ सरकारों का बड़ा नुकसान हुआ और सरकारें सत्ता में वापस आने में भी चूक गईं।

यही कारण है कि राजनीतिक दल बढ़त लेने के लिए इस तरह के आरोप एक-दूसरे पर लगाते रहते हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जिस तरह रोज नए आरोप गढ़ने की प्रतियोगिता चल रही है, उससे जनता का इन आरोपों पर विश्वास लगातार कम हो रहा है। बहुत संभव है कि आम आदमी पार्टी एक रणनीति के तहत इस तरह के आरोप लगाकर आरोपों की गंभीरता को कम करने का ही काम कर रही हो, लेकिन लंबे समय में यह राजनीतिक दलों और लोकतंत्र पर जनता के विश्वास को कम करने वाला साबित हो सकता है जो कि देश के लिए किसी भी तरह से उचित नहीं है।  

शराब घोटाले का जवाब दें केजरीवाल- भाजपा

दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने अमर उजाला से कहा कि केजरीवाल अब तक केवल आरोप लगाने की राजनीति करते आए हैं। आज उनके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, तो वे जवाब देने की बजाय विपक्ष पर रोज नए आरोप गढ़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहले अपने विधायकों को खरीदे जाने का आरोप लगाया और अब उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का काम कर रहे हैं।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि ने अरविंद केजरीवाल को रोज नए आरोप लगाकर बचने की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि दिल्ली की शराब नीतियों में बदलाव कर घोटाला क्यों किया गया। साथ ही उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने अब तक अपने विधायकों के खरीदे जाने की कोशिश पर अब तक कोई प्रमाण क्यों पेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर रोज नए आरोप गढ़कर वे अपना बचाव नहीं कर पाएंगे और उन्हें शराब नीति मामले में हुए भ्रष्टाचार का जवाब देना पड़ेगा।

आरोपों की राजनीति में दिल्ली का हो रहा नुकसान- कांग्रेस

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने कहा कि जब से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार सत्ता में आई है, तब से वह केवल आरोप लगाने और मीडिया में प्रचार पाने का काम कर रही है। दिल्ली की जनता देख रही है कि किस तरह रोज आम आदमी पार्टी के एक-एक नेता पर भ्रष्टाचार की गाज गिर रही है। लेकिन वे इस पर कोई जवाब देने की बजाय स्वयं आरोप लगाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस राजनीति में दिल्ली की आम जनता का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को भ्रष्टाचार के मामले का सही जवाब देकर जनता के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए।

विस्तार

केजरीवाल सरकार ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने का कार्यक्रम बनाया था। तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान जमकर हमला बोला और सरकार को गरीब विरोधी बताया। माना जा रहा था कि इसके बाद मतदान कर विश्वास मत प्राप्त करने की औपचारिकता पूरी कर दी जाएगी, लेकिन अचानक ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शाम लगभग पांच बजे यह ट्वीट कर पूरा मामला पलट दिया कि मंगलवार को सीबीआई उनके बैंक लॉकरों की जांच करने आ रही है और वे इसका स्वागत करेंगे।

अब विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सीबीआई की कार्रवाई के दौरान जनता और मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए विश्वास मत हासिल करने का ‘नाटक’ रचा था। सरकार पर किसी भी विपक्षी दल ने अविश्वास जाहिर नहीं किया था, लिहाजा उस पर विश्वासमत हासिल करने का कोई दबाव नहीं था। लेकिन यह पूरा कार्यक्रम केवल मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए रचा गया था। यह उस सवाल का जवाब भी माना जा रहा है, जिसमें यह पूछा जा रहा था कि जब अरविंद केजरीवाल सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल है और विपक्ष इस पर उनसे कोई सवाल भी नहीं कर रहा है तो वे विश्वास मत हासिल कर क्या साबित करना चाहते हैं?

आम आदमी पार्टी विधायकों ने उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाकर पूरा मामला पलट दिया है। आप विधायकों का कहना है कि उपराज्यपाल ने खादी ग्रामोद्योग के सर्वोच्च अधिकारी रहते हुए नोटबंदी के दौरान नोटों को बदलने का काम किया था और इसके जरिए भ्रष्टाचार किया था। पार्टी ने इस मामले की जांच उपयुक्त एजेंसी के उपयुक्त अधिकारियों से कराए जाने की मांग की है। इस मामले को तूल देने के लिए आम आदमी पार्टी विधायकों ने रात भर विधानसभा में धरना देने का कार्यक्रम भी बनाया है।

‘जनता का बड़ा नुकसान’

राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडेय ने अमर उजाला से कहा कि किसी भी राजनीतिक दल पर भ्रष्टाचार का आरोप बेहद गंभीर मामला होता है और इस तरह के आरोप बेहद जिम्मेदारी और तथ्यों की रोशनी में ही लगाए जाने चाहिए। लेकिन देश के राजनीतिक इतिहास में अनेक बार सत्ता पक्ष या विपक्ष के द्वारा एक दूसरे पर ऐसे आरोप लगाए गए, जिनकी जांच में कोई आरोप साबित नहीं हुआ और आरोपी बेदाग साबित हुए। राजीव गांधी पर लगा बोफोर्स घोटाले का आरोप हो या यूपीए सरकार के दौरान टूजी और खनन घोटाला। इन सबमें आरोपी बेदाग साबित हुए, जबकि आरोप लगाने के बाद सत्तारूढ़ सरकारों का बड़ा नुकसान हुआ और सरकारें सत्ता में वापस आने में भी चूक गईं।

यही कारण है कि राजनीतिक दल बढ़त लेने के लिए इस तरह के आरोप एक-दूसरे पर लगाते रहते हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच जिस तरह रोज नए आरोप गढ़ने की प्रतियोगिता चल रही है, उससे जनता का इन आरोपों पर विश्वास लगातार कम हो रहा है। बहुत संभव है कि आम आदमी पार्टी एक रणनीति के तहत इस तरह के आरोप लगाकर आरोपों की गंभीरता को कम करने का ही काम कर रही हो, लेकिन लंबे समय में यह राजनीतिक दलों और लोकतंत्र पर जनता के विश्वास को कम करने वाला साबित हो सकता है जो कि देश के लिए किसी भी तरह से उचित नहीं है।  

शराब घोटाले का जवाब दें केजरीवाल- भाजपा

दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने अमर उजाला से कहा कि केजरीवाल अब तक केवल आरोप लगाने की राजनीति करते आए हैं। आज उनके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, तो वे जवाब देने की बजाय विपक्ष पर रोज नए आरोप गढ़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पहले अपने विधायकों को खरीदे जाने का आरोप लगाया और अब उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का काम कर रहे हैं।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि ने अरविंद केजरीवाल को रोज नए आरोप लगाकर बचने की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि दिल्ली की शराब नीतियों में बदलाव कर घोटाला क्यों किया गया। साथ ही उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने अब तक अपने विधायकों के खरीदे जाने की कोशिश पर अब तक कोई प्रमाण क्यों पेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर रोज नए आरोप गढ़कर वे अपना बचाव नहीं कर पाएंगे और उन्हें शराब नीति मामले में हुए भ्रष्टाचार का जवाब देना पड़ेगा।

आरोपों की राजनीति में दिल्ली का हो रहा नुकसान- कांग्रेस

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने कहा कि जब से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार सत्ता में आई है, तब से वह केवल आरोप लगाने और मीडिया में प्रचार पाने का काम कर रही है। दिल्ली की जनता देख रही है कि किस तरह रोज आम आदमी पार्टी के एक-एक नेता पर भ्रष्टाचार की गाज गिर रही है। लेकिन वे इस पर कोई जवाब देने की बजाय स्वयं आरोप लगाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस राजनीति में दिल्ली की आम जनता का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को भ्रष्टाचार के मामले का सही जवाब देकर जनता के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए।

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