Agni Bharat

सृजन आर्ट्स में सातवें दिन माता कालरात्रि का आगमन , भक्तिभाव से झूमे भक्तगण

 

 

नवादा : नगर के प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था सृजन आर्टस सह शकुंतला मेमोरियल म्यूजिक कॉलेज के प्रांगण में ” नव भक्ति नवरंग “कार्यक्रम के अंतर्गत आज माता कात्यायनी का पूजन किया गया । आज माता कालरात्रि का रूप बाल कलाकार अनन्या कुमारी ने धारण किया। शारदीय नवरात्र का दिन मां दुर्गा के सातवे स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना किया गया। संस्था के निदेशक विजय शंकर पाठक ने सभी को मां कालरात्रि की महिमा को बताया। उन्होने कहा की माता कालरात्रि का अवतार दुष्टों का संहार करने के उद्देश्य से ही हुआ। माता कालरात्रि राक्षसों के द्वारा प्रताड़ित ऋषि-मुनियों के रक्षा के लिए अनेक दुष्टों का वध कर धर्म स्थापना किए। उन्होंने ने सभी कलाकारों को संबोधित करते हुए आगे बताया कि मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली है, दानव दैत्य राक्षस, भूत ,प्रेत सभी मां कालरात्रि के स्मरण मात्र से ही भयभीत हो जाते हैं दूर-दूर तक कोई बाधा नहीं आती है। माता कालरात्रि का स्मरण करने से सभी ग्रह बाधाएं खुद ब खुद दूर होते चले जाते हैं और मां कालरात्रि के उपासक को कभी भी अग्नि भय, जल भय, जंतु भय,शत्रु भय है कदापि नहीं होता है ।इनकी कृपा से वह सर्वथा भय मुक्त हो जाता है। कार्यक्रम का शुरुआत सुजीत कुमार के माता बुलावा गीत आवे के परी हो मैया आवे के पड़ी से शुरुआत किया गया फिर वंदना आजा आर्य के द्वारा मैया मेरी जग से निराली, गौरी गोस्वामी के द्वारा चमकेला चंद्र बदनिया लागेलू माई द दुल्हनिया गीत गाकर धमाल मचा दिया सभी भक्तों ने साथ साथ गा कर भक्ति का आनंद लिया। महेश कुमार के द्वारा मां तू मुझे दर्शन दो बहुत ही प्यारा भजन गाकर सभी भक्तों को झूमाया। ऐसा प्रतीत हो रहा था की मां का साक्षात दर्शन सभी भक्तों को हो पा रहा था वही कार्यक्रम में नन्हीं कलाकारा रिद्धि ने अनेक भक्ति गीतों पर सभी कलाकारों के साथ नृत्य करके शानदार प्रस्तुति दिया। कार्यक्रम में वरेण्यम गौरव कुमार ने माता तेरा जलवा गाकर सभी भक्तजनों को नाचने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम में हारमोनियम पर वंदना आजा एवं नाल पर पवन कुमार सिन्हा ने संगत किया कार्यक्रम में अनेक भक्त गण विकास कुमार, गोपाल कुमार सिन्हा, हर्ष राज, पुरुषोत्तम कुमार, पुकारी कुमार, शिवम पांडे, निशा कुमारी आदि सैकड़ों लोग उपस्थित होकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया और जागरण का आनंद लिया।

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