Agni Bharat

तु हिन्दू, तु मुसलमान बने रहने दो हम जैसा हैं वैसा इंसान रहने दो, हज़रत, सीता, राधा, रजिया, झांसी मेरी शान है घुंघट पर्दा, बुर्का, आंचल भारत की शान है

Editor-in-chief- Agnish Kumar Tiwary 

औरंगाबाद (बिहार) जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के तत्वावधान में’ एक शाम भगत सिंह के नाम,अखिल भारतीय कवि सह मुशायरा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर असर फरीदी ने की। जबकि संचालन कलाकार आफताब राणा ने किया।आगत कवि शायरों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। दिल्ली से आए मशहूर व्यंग्यकार सुरेन्द्र शर्मा ने अपने व्यंग्य वाणों से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।श्री शर्मा घंटों ठहाका लगवाते रहे।

 

दुख है कि हमलोग नेताओं को वोट देते हैं,

अगर इंसान को वोट देना शुरू कर दें। तो पार्टियां इंसान को टिकट देना प्रारंभ कर दे।

 

पटना से आए मशहूर शायर असर फरीदी ने अपने गंभीर शेरों से श्रोताओं को सोचने के लिए विवश कर दिया। उन्होंने कहा कि

चाहे हम जो भी दिन रखते हैं,

एकता की जमीन रखते हैं

सारा मजहब यही बताता है,

सब इसी पर यकीन रखते हैं

 

मिर्जापुर उत्तर प्रदेश से आयी विभा सिंह ने जब कहा कि

धरती गगन की प्रांजला क्यों ढूंढ रही है,

मेघों का वरण चंचला क्यों ढूंढ रही है,

पत्थर वाले जीवट ना समझेंगे

दुष्यंत की शकुन्तला क्यों ढूंढ रही हो ।

पश्चिम बंगाल से आए परवेज़ काशमी ने जब यह शेर पढ़ा

बेजमीर लोगों का क्या कोई ठिकाना है,

उनको कि दल बदलने में देर कितनी लगती है,

तो श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई।

मोनी गिरिडिहवी ने कहा कि

हज़रत, सीता,राधा रजिया झांसी मेरी शान है,

घुंघट पर्दा बुर्का आंचल भारत की पहचान है।

वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.अलखदेव प्रसाद अचल का यह शेर

बड़ा है दांस्ता अजगुत,सुनावे किस क़दर अचल

मिटाने के लिए जड़ से,न हम निकले न तुम निकले।

लोगों ने खूब सराहा। इकबाल अख्तर दिल का यह शेर

काम ऐसा भी कोई कर के दिखाया जाए,

दुख किसी का भी हो दिल में बसाया जाए ‌।

पर खूब वाहवाहियां मिली। आफताब राणा का यह शेर

तुम हिन्दू तुम मुसलमान बने रहने दो,ए

हम जैसा हैं वैसा इंसान रहने दो

खूब खेलो कुर्सी कुर्सी जितना जी में आए, और

हम जहां रहते हैं, हिन्दुस्तान रहने दो। खूब वाहवाहियां मिली।न कवि सम्मेलन मुशायरा में अविनाश कुमार भारती और समुन्दर सिंह की कविताएं भी खूब सराही गई। कवि सम्मेलन मुशायरा को सफल बनाने में बीरेंद्र प्रसाद, मुखिया संजय सिंह यादव,जिप शंकर यादवेन्दु,पूर्व मुखिया शहजादा शाही, मुखिया धनंजय यादव,लालदेव यादव,शंभू शरण सत्यार्थी, सत्येन्द्र प्रसाद,रामेश्वर कुमार रौशन उपेन्द्र वर्मा, शिवपूजन यादव,लंबु यादव,महेन्द्र यादव, वाजिद अहमद,प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि पंकज कुमार,मुखिया धनंजय यादव,विवेक कुमार गुप्ता,मुखिया प्रतिनिधि रंजीत कुमार यादव,सराहनीय योगदान रहा है।

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